नॉलेज
भारत में राष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया
भारत में राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। महाभियोग एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है, जिसका अर्थ है कि यह संसद द्वारा शुरू की जाती है, लेकिन अदालतों द्वारा इसकी समीक्षा की जा सकती है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 के अनुसार, राष्ट्रपति को केवल संविधान के उल्लंघन के लिए महाभियोग के माध्यम से हटाया जा सकता है। महाभियोग की प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- आरोपों का प्रस्ताव: महाभियोग की प्रक्रिया संसद के किसी भी सदन द्वारा शुरू की जा सकती है। आरोपों को सदन के एक चौथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस में शामिल किया जाना चाहिए।
- राष्ट्रपति को नोटिस: आरोपों को प्रस्तुत करने के बाद, राष्ट्रपति को 14 दिनों की अग्रिम सूचना दी जानी चाहिए।
- महाभियोग प्रस्ताव पारित करना: आरोपों की जांच के बाद, सदन को महाभियोग प्रस्ताव पारित करना होगा। प्रस्ताव को सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
- दूसरे सदन में भेजना: महाभियोग प्रस्ताव को दूसरे सदन में भेजा जाना चाहिए, जो आरोपों की जांच करेगा।
- दूसरे सदन द्वारा प्रस्ताव पारित करना: दूसरे सदन को भी महाभियोग प्रस्ताव पारित करना होगा। प्रस्ताव को दूसरे सदन की कुल सदस्यता के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना चाहिए।
यदि दोनों सदनों द्वारा महाभियोग प्रस्ताव पारित किया जाता है, तो राष्ट्रपति को अपने पद से हटा दिया जाता है।
भारत में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति पर महाभियोग नहीं चला है।
राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए महाभियोग एक कठिन प्रक्रिया है। इसके लिए संसद में बहुमत प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। हालांकि, यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो सुनिश्चित करती है कि राष्ट्रपति संविधान का सम्मान करते हैं और अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करते हैं।