स्वास्थ्य
सामान्य बुखार और दिमागी बुखार में अंतर, जानिए कैसे
बुखार एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। लेकिन जब बुखार के साथ-साथ सिरदर्द, उल्टी, और अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो यह दिमागी बुखार का संकेत हो सकता है। दिमागी बुखार एक गंभीर बीमारी है जो अगर समय पर इलाज नहीं की जाए तो जानलेवा भी हो सकती है।
दिमागी बुखार और सामान्य बुखार में क्या अंतर है?
दिमागी बुखार और सामान्य बुखार में कुछ अंतर होते हैं, जिनकी मदद से आप दोनों में अंतर कर सकते हैं। दिमागी बुखार के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- तेज बुखार (102 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक)
- सिरदर्द
- उल्टी और मतली
- मानसिक स्थिति में बदलाव, जैसे कि भ्रम, बेचैनी, या असंगति
- मांसपेशियों में ऐंठन
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- नींद में बदलाव
सामान्य बुखार के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- बुखार (99 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक)
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द
- गले में खराश
- सर्दी
दिमागी बुखार के कारण
दिमागी बुखार कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- बैक्टीरिया संक्रमण, जैसे कि मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस
- वायरस संक्रमण, जैसे कि इन्फ्लूएंजा या चिकनपॉक्स
- फंगल संक्रमण
- परजीवी संक्रमण
- कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव
- कुछ कैंसर
दिमागी बुखार का इलाज
दिमागी बुखार का इलाज संक्रमण के कारण पर निर्भर करता है। बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होने वाले दिमागी बुखार का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। वायरस संक्रमण के कारण होने वाले दिमागी बुखार का इलाज एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है। फंगल संक्रमण के कारण होने वाले दिमागी बुखार का इलाज एंटीफंगल दवाओं से किया जाता है।
दिमागी बुखार से बचने के उपाय
दिमागी बुखार से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- नियमित रूप से हाथ धोएं।
- बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचें।
- टीकाकरण करवाएं।
निष्कर्ष
दिमागी बुखार एक गंभीर बीमारी है जो अगर समय पर इलाज नहीं की जाए तो जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए, अगर आपको बुखार के साथ-साथ सिरदर्द, उल्टी, और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।