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IIT कानपुर देश का पहला संस्थान बना जो MIT के साथ सहयोग कर रहा है

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15 सितंबर, 2023 को, IIT कानपुर और MIT ने एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। इस MOU के तहत, दोनों संस्थान शोध और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करेंगे। यह समझौता ज्ञापन भारतीय शिक्षा और अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण कदम है।

MOU के तहत सहयोग के क्षेत्र

  • अनुसंधान: दोनों संस्थान मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, डेटा साइंस, और अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान करेंगे।
  • शिक्षा: दोनों संस्थान छात्र और शिक्षकों के आदान-प्रदान, संयुक्त कार्यक्रमों, और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से सहयोग करेंगे।
  • प्रशासन: दोनों संस्थान प्रशासनिक मामलों में सहयोग करेंगे।

IIT कानपुर के लिए एक ऐतिहासिक अवसर

IIT कानपुर देश का पहला संस्थान है जो MIT के साथ सहयोग कर रहा है। यह समझौता ज्ञापन IIT कानपुर के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इस समझौते से IIT कानपुर के छात्रों और शिक्षकों को MIT के संसाधनों और विशेषज्ञता तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।

भारतीय शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम

IIT कानपुर और MIT के बीच समझौता ज्ञापन भारतीय शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच शैक्षिक और अनुसंधान संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

IIT कानपुर और MIT के बीच समझौता ज्ञापन भारतीय शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता IIT कानपुर के छात्रों और शिक्षकों को MIT के संसाधनों और विशेषज्ञता तक पहुंचने का अवसर देगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच शैक्षिक और अनुसंधान संबंधों को मजबूत करने में भी मदद करेगा।

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दुनिया

भारत में बन रहा दुनिया का पहला जल विश्विद्यालय, जानें- यहां क्या पढ़ाया जाएगा, कौन ले सकेगा दाखिला?

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Bundelkhand

जल एक अमूल्य संसाधन है, लेकिन आज दुनिया भर में जल संकट गहराता जा रहा है। भारत भी जल संकट से अछूता नहीं है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में तो जल संकट एक गंभीर समस्या है। इस क्षेत्र में अक्सर सूखा पड़ता है, जिससे लोगों को पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की समस्या होती है।

जल विश्विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य:

बुंदेलखंड में जल संकट से निपटने के लिए और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए भारत में दुनिया का पहला जल विश्विद्यालय स्थापित किया जा रहा है। इस विश्विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य जल संसाधनों के क्षेत्र में नई शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना है। यह विश्विद्यालय जल संकट से निपटने और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए कुशल और योग्य पेशेवरों को तैयार करेगा।

जल विश्विद्यालय का स्थान:

जल विश्विद्यालय उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जिले में 25 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। इस विश्विद्यालय के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

जल विश्विद्यालय में क्या पढ़ाया जाएगा:

Water University, Bundelkhand

जल विश्विद्यालय में जल संसाधनों के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। इनमें जल विज्ञान, जल इंजीनियरिंग, जल प्रबंधन, जल अर्थशास्त्र, जल कानून और जलीय पारिस्थितिकी शामिल हैं।

जल विश्विद्यालय में कौन ले सकेगा दाखिला:

जल विश्विद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकेगा। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए स्नातक स्तर पर संबंधित विषय में स्नातक डिग्री होना आवश्यक है। डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री और शोध अनुभव होना आवश्यक है।

जल विश्विद्यालय का महत्व:

जल विश्विद्यालय जल संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विश्विद्यालय जल संकट से निपटने और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा। यह विश्विद्यालय भारत और दुनिया के अन्य देशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा।

निष्कर्ष:

बुंदेलखंड में जल विश्विद्यालय की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विश्विद्यालय जल संकट से निपटने और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह विश्विद्यालय भारत और दुनिया के अन्य देशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा।

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पुराने कपड़ों को किचन में ऐसे करें इस्तेमाल

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clothes in the kitchen

हम सभी के पास पुराने कपड़े होते हैं जिन्हें हम फेंकने के लिए तैयार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इन पुराने कपड़ों को किचन में कई तरह के कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं? पुराने कपड़े किचन में बहुत उपयोगी हो सकते हैं, खासकर अगर आप पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और कम कचरा पैदा करना चाहते हैं।

यहां पुराने कपड़ों को किचन में इस्तेमाल करने के कुछ तरीके दिए गए हैं:

  • फर्श और मेज को पोंछने के लिए: पुराने कपड़े फर्श और मेज को पोंछने के लिए एकदम सही हैं। वे न केवल आपके हाथों को बचाएंगे, बल्कि वे पर्यावरण के लिए भी अच्छे हैं।
  • रसोई के बर्तनों और उपकरणों को पॉलिश करने के लिए: पुराने कपड़े रसोई के बर्तनों और उपकरणों को पॉलिश करने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे वे चमकदार और नए लगेंगे।
  • कचरे को लपेटने के लिए: पुराने कपड़े कचरे को लपेटने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे आप प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कम कर सकते हैं।
  • कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए: पुराने कपड़े कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे आप बेकिंग पेपर का इस्तेमाल कम कर सकते हैं।
  • किचन की सजावट के लिए: पुराने कपड़ों को किचन की सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आप उनसे पर्दे, कुशन या अन्य सामान बना सकते हैं।

यहां कुछ विशिष्ट टिप्स दी गई हैं कि आप पुराने कपड़ों को किचन में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं:

  • फर्श और मेज को पोंछने के लिए: पुराने कपड़ों को धो लें और उन्हें अच्छी तरह से निचोड़ लें। फिर, उन्हें फर्श या मेज पर फैलाएं और उनसे साफ करें।
  • रसोई के बर्तनों और उपकरणों को पॉलिश करने के लिए: पुराने कपड़ों को थोड़े से तेल या मॉइस्चराइज़र में डुबोएं। फिर, उन्हें रसोई के बर्तनों और उपकरणों पर रगड़ें।
  • कचरे को लपेटने के लिए: पुराने कपड़ों को छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर, उन्हें कचरे को लपेटने के लिए इस्तेमाल करें।
  • कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए: पुराने कपड़ों को छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर, उन्हें कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए बेकिंग पेपर की जगह इस्तेमाल करें।
  • किचन की सजावट के लिए: पुराने कपड़ों को अलग-अलग आकार और आकार में काट लें। फिर, उन्हें किचन की सजावट के लिए इस्तेमाल करें।

पुराने कपड़ों को किचन में इस्तेमाल करने से आप पैसे बचा सकते हैं, पर्यावरण की मदद कर सकते हैं और अपने घर को और अधिक आकर्षक बना सकते हैं।

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भूकंप आने से पहले ही बच जाएं, एंड्रॉइड फोन में सेट करें ये सेटिंग

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Earthquake alerts

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जो किसी भी समय और किसी भी जगह आ सकती है। भूकंप से जान-माल का काफी नुकसान हो सकता है। भूकंप से बचने के लिए हमें भूकंप के बारे में पहले से पता होना चाहिए।

एंड्रॉइड फोन में एक खास सेटिंग है, जिससे आपको भूकंप आने से पहले ही अलर्ट मिल सकता है। इस सेटिंग को चालू करके आप भूकंप से बचने के लिए पहले से ही तैयार हो सकते हैं।

भूकंप अलर्ट कैसे सेट करें?

अपने एंड्रॉइड फोन में भूकंप अलर्ट सेट करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. अपने फोन की सेटिंग्स में जाएं।
  2. “Safety & emergency.” पर टैप करें।
  3. “Earthquake alerts.” पर टैप करें।
  4. “Turn on earthquake alerts.” पर टैप करें।
  5. आपके क्षेत्र में भूकंप अलर्ट के लिए अनुमति दें।

भूकंप अलर्ट कैसे काम करता है?

भूकंप अलर्ट एक भूकंपीय सेंसर का उपयोग करके काम करता है। यह सेंसर भूकंप के कंपनों को महसूस करता है और एक अलर्ट भेजता है। अलर्ट में भूकंप की तीव्रता और स्थान की जानकारी शामिल होती है।

भूकंप अलर्ट से क्या लाभ मिलते हैं?

भूकंप अलर्ट से आपको भूकंप आने से पहले ही पता चल जाता है। इससे आप भूकंप से बचने के लिए पहले से ही तैयार हो सकते हैं। भूकंप अलर्ट से आप निम्नलिखित लाभ प्राप्त कर सकते हैं:

  • आप सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं।
  • आप अपने घर और संपत्ति को नुकसान से बचा सकते हैं।
  • आप अपने परिवार और दोस्तों को सुरक्षित स्थान पर भेज सकते हैं।

भूकंप अलर्ट से कैसे सुरक्षित रहें?

भूकंप अलर्ट मिलने पर, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।
  • यदि आप घर पर हैं, तो अपने सिर को किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे रखें।
  • यदि आप बाहर हैं, तो किसी खुले स्थान पर जाएं।
  • यदि आप कार में हैं, तो रुकें और कार से बाहर निकलें।

भूकंप अलर्ट एक महत्वपूर्ण सुविधा है, जो आपको भूकंप से बचाने में मदद कर सकती है। अपने एंड्रॉइड फोन में भूकंप अलर्ट सेट करके आप भूकंप से सुरक्षित रह सकते हैं।

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