नॉलेज
महिला आरक्षण बिल: 33% आरक्षण से देश में क्या होगा, जानिए सबकुछ

महिला आरक्षण बिल एक ऐसा बिल है जो भारत की संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान करता है। यह बिल पहली बार 1996 में पेश किया गया था, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है।
महिला आरक्षण बिल के पक्ष में तर्क
महिला आरक्षण बिल के पक्ष में कई तर्क दिए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
- यह बिल महिलाओं के लिए राजनीतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा। महिलाओं को राजनीति में अधिक समान प्रतिनिधित्व प्रदान करने से उन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी ढंग से भाग लेने में मदद मिलेगी।
- यह बिल भारत में महिलाओं की भागीदारी और प्रतिनिधित्व को बढ़ाएगा। महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को राजनीति में आने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और इससे वे अपने अधिकारों और हितों की बेहतर रक्षा कर सकेंगी।
- यह बिल भारत को एक अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी समाज बनाने में मदद करेगा। महिला आरक्षण बिल से भारत में महिलाओं की आवाज को मजबूत किया जाएगा और इससे देश को अधिक न्यायसंगत और समान समाज बनने में मदद मिलेगी।
महिला आरक्षण बिल के विपक्ष में तर्क
महिला आरक्षण बिल के विपक्ष में भी कई तर्क दिए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:
- यह बिल संसद और राज्य विधानसभाओं में लोकतंत्र को कमजोर करेगा। महिला आरक्षण बिल से योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर दिया जा सकता है और इससे संसद और राज्य विधानसभाओं की गुणवत्ता कम हो सकती है।
- यह बिल अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण को कमजोर करेगा। महिला आरक्षण बिल से अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की मात्रा कम हो सकती है।
- यह बिल महिलाओं को राजनीति में प्रतिनिधित्व हासिल करने के लिए प्रेरित नहीं करेगा। महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को राजनीति में आने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और इससे वे अपने अधिकारों और हितों की बेहतर रक्षा नहीं कर पाएंगी।
महिला आरक्षण बिल के पारित होने से होने वाले संभावित प्रभाव
यदि महिला आरक्षण बिल पारित हो जाता है, तो इसके कई संभावित प्रभाव हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- महिलाओं के लिए राजनीतिक सशक्तिकरण में वृद्धि होगी।
- भारत में महिलाओं की भागीदारी और प्रतिनिधित्व में वृद्धि होगी।
- भारत को एक अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी समाज बनने में मदद मिलेगी।
महिला आरक्षण बिल के पारित होने के लिए आवश्यक कदम
महिला आरक्षण बिल को पारित होने के लिए संसद और राज्य विधानसभाओं से दोनों में से दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, राष्ट्रपति को भी इस बिल पर अपनी सहमति देनी होगी।
निष्कर्ष
महिला आरक्षण बिल एक ऐसा मुद्दा है जो भारत में लंबे समय से बहस का विषय रहा है। यह एक ऐसा बिल है जो महिलाओं के लिए राजनीतिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दे सकता है और भारत को एक अधिक लोकतांत्रिक और समावेशी समाज बनाने में मदद कर सकता है।
- महिला आरक्षण बिल के इतिहास और वर्तमान स्थिति
महिला आरक्षण बिल का इतिहास लंबा है। भारत में महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग पहली बार 19वीं शताब्दी में उठाई गई थी। 1996 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने संसद में एक महिला आरक्षण बिल पेश किया था। हालांकि, यह बिल पारित नहीं हो सका। 2008 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक और महिला आरक्षण बिल पेश किया था। यह बिल भी पारित नहीं हो सका।
वर्तमान में, महिला आरक्षण बिल संसद में लंबित है। यह बिल अभी भी विवाद का विषय है और यह कहना मुश्किल है कि यह कब पारित होगा।
दुनिया
भारत में बन रहा दुनिया का पहला जल विश्विद्यालय, जानें- यहां क्या पढ़ाया जाएगा, कौन ले सकेगा दाखिला?

जल एक अमूल्य संसाधन है, लेकिन आज दुनिया भर में जल संकट गहराता जा रहा है। भारत भी जल संकट से अछूता नहीं है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में तो जल संकट एक गंभीर समस्या है। इस क्षेत्र में अक्सर सूखा पड़ता है, जिससे लोगों को पीने के पानी और सिंचाई के लिए पानी की समस्या होती है।
जल विश्विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य:
बुंदेलखंड में जल संकट से निपटने के लिए और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए भारत में दुनिया का पहला जल विश्विद्यालय स्थापित किया जा रहा है। इस विश्विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य जल संसाधनों के क्षेत्र में नई शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना है। यह विश्विद्यालय जल संकट से निपटने और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए कुशल और योग्य पेशेवरों को तैयार करेगा।
जल विश्विद्यालय का स्थान:
जल विश्विद्यालय उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर जिले में 25 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा। इस विश्विद्यालय के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
जल विश्विद्यालय में क्या पढ़ाया जाएगा:

Water University, Bundelkhand
जल विश्विद्यालय में जल संसाधनों के क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों की पेशकश की जाएगी। इनमें जल विज्ञान, जल इंजीनियरिंग, जल प्रबंधन, जल अर्थशास्त्र, जल कानून और जलीय पारिस्थितिकी शामिल हैं।
जल विश्विद्यालय में कौन ले सकेगा दाखिला:
जल विश्विद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकेगा। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में विज्ञान विषयों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए स्नातक स्तर पर संबंधित विषय में स्नातक डिग्री होना आवश्यक है। डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री और शोध अनुभव होना आवश्यक है।
जल विश्विद्यालय का महत्व:
जल विश्विद्यालय जल संसाधनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विश्विद्यालय जल संकट से निपटने और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा। यह विश्विद्यालय भारत और दुनिया के अन्य देशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा।
निष्कर्ष:
बुंदेलखंड में जल विश्विद्यालय की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विश्विद्यालय जल संकट से निपटने और जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह विश्विद्यालय भारत और दुनिया के अन्य देशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा।
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पुराने कपड़ों को किचन में ऐसे करें इस्तेमाल

हम सभी के पास पुराने कपड़े होते हैं जिन्हें हम फेंकने के लिए तैयार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इन पुराने कपड़ों को किचन में कई तरह के कामों में इस्तेमाल कर सकते हैं? पुराने कपड़े किचन में बहुत उपयोगी हो सकते हैं, खासकर अगर आप पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और कम कचरा पैदा करना चाहते हैं।
यहां पुराने कपड़ों को किचन में इस्तेमाल करने के कुछ तरीके दिए गए हैं:
- फर्श और मेज को पोंछने के लिए: पुराने कपड़े फर्श और मेज को पोंछने के लिए एकदम सही हैं। वे न केवल आपके हाथों को बचाएंगे, बल्कि वे पर्यावरण के लिए भी अच्छे हैं।
- रसोई के बर्तनों और उपकरणों को पॉलिश करने के लिए: पुराने कपड़े रसोई के बर्तनों और उपकरणों को पॉलिश करने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे वे चमकदार और नए लगेंगे।
- कचरे को लपेटने के लिए: पुराने कपड़े कचरे को लपेटने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे आप प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कम कर सकते हैं।
- कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए: पुराने कपड़े कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इससे आप बेकिंग पेपर का इस्तेमाल कम कर सकते हैं।
- किचन की सजावट के लिए: पुराने कपड़ों को किचन की सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आप उनसे पर्दे, कुशन या अन्य सामान बना सकते हैं।
यहां कुछ विशिष्ट टिप्स दी गई हैं कि आप पुराने कपड़ों को किचन में कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं:
- फर्श और मेज को पोंछने के लिए: पुराने कपड़ों को धो लें और उन्हें अच्छी तरह से निचोड़ लें। फिर, उन्हें फर्श या मेज पर फैलाएं और उनसे साफ करें।
- रसोई के बर्तनों और उपकरणों को पॉलिश करने के लिए: पुराने कपड़ों को थोड़े से तेल या मॉइस्चराइज़र में डुबोएं। फिर, उन्हें रसोई के बर्तनों और उपकरणों पर रगड़ें।
- कचरे को लपेटने के लिए: पुराने कपड़ों को छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर, उन्हें कचरे को लपेटने के लिए इस्तेमाल करें।
- कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए: पुराने कपड़ों को छोटे टुकड़ों में काट लें। फिर, उन्हें कुकीज़ और ब्रेड बनाने के लिए बेकिंग पेपर की जगह इस्तेमाल करें।
- किचन की सजावट के लिए: पुराने कपड़ों को अलग-अलग आकार और आकार में काट लें। फिर, उन्हें किचन की सजावट के लिए इस्तेमाल करें।
पुराने कपड़ों को किचन में इस्तेमाल करने से आप पैसे बचा सकते हैं, पर्यावरण की मदद कर सकते हैं और अपने घर को और अधिक आकर्षक बना सकते हैं।
नॉलेज
भूकंप आने से पहले ही बच जाएं, एंड्रॉइड फोन में सेट करें ये सेटिंग

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जो किसी भी समय और किसी भी जगह आ सकती है। भूकंप से जान-माल का काफी नुकसान हो सकता है। भूकंप से बचने के लिए हमें भूकंप के बारे में पहले से पता होना चाहिए।
एंड्रॉइड फोन में एक खास सेटिंग है, जिससे आपको भूकंप आने से पहले ही अलर्ट मिल सकता है। इस सेटिंग को चालू करके आप भूकंप से बचने के लिए पहले से ही तैयार हो सकते हैं।
भूकंप अलर्ट कैसे सेट करें?
अपने एंड्रॉइड फोन में भूकंप अलर्ट सेट करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- अपने फोन की सेटिंग्स में जाएं।
- “Safety & emergency.” पर टैप करें।
- “Earthquake alerts.” पर टैप करें।
- “Turn on earthquake alerts.” पर टैप करें।
- आपके क्षेत्र में भूकंप अलर्ट के लिए अनुमति दें।
भूकंप अलर्ट कैसे काम करता है?
भूकंप अलर्ट एक भूकंपीय सेंसर का उपयोग करके काम करता है। यह सेंसर भूकंप के कंपनों को महसूस करता है और एक अलर्ट भेजता है। अलर्ट में भूकंप की तीव्रता और स्थान की जानकारी शामिल होती है।
भूकंप अलर्ट से क्या लाभ मिलते हैं?
भूकंप अलर्ट से आपको भूकंप आने से पहले ही पता चल जाता है। इससे आप भूकंप से बचने के लिए पहले से ही तैयार हो सकते हैं। भूकंप अलर्ट से आप निम्नलिखित लाभ प्राप्त कर सकते हैं:
- आप सुरक्षित स्थान पर जा सकते हैं।
- आप अपने घर और संपत्ति को नुकसान से बचा सकते हैं।
- आप अपने परिवार और दोस्तों को सुरक्षित स्थान पर भेज सकते हैं।
भूकंप अलर्ट से कैसे सुरक्षित रहें?
भूकंप अलर्ट मिलने पर, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।
- यदि आप घर पर हैं, तो अपने सिर को किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे रखें।
- यदि आप बाहर हैं, तो किसी खुले स्थान पर जाएं।
- यदि आप कार में हैं, तो रुकें और कार से बाहर निकलें।
भूकंप अलर्ट एक महत्वपूर्ण सुविधा है, जो आपको भूकंप से बचाने में मदद कर सकती है। अपने एंड्रॉइड फोन में भूकंप अलर्ट सेट करके आप भूकंप से सुरक्षित रह सकते हैं।
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