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यूईएफए यूरो 2028 और 2032 के मेजबानों का ऐलान, इंग्लैंड-आयरलैंड और इटली-तुर्की को मिला मौका

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UEFA EURO 2028 and 2032 hosting

UEFA कार्यकारी समिति ने आज न्योन, स्विटजरलैंड में UEFA के सदन में एक बैठक के दौरान UEFA EURO 2028 और 2032 के लिए मेजबान देशों की घोषणा की।

UEFA EURO 2028

UEFA EURO 2028 की मेजबानी संयुक्त रूप से इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, गणराज्य आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स करेंगे। यह पहली बार होगा जब इन पांच देशों ने मिलकर किसी बड़ी प्रतियोगिता की मेजबानी की होगी।

UEFA EURO 2032

UEFA EURO 2032 की मेजबानी इटली और तुर्की संयुक्त रूप से करेंगे। यह पहली बार होगा जब किसी यूरोपीय चैम्पियनशिप की मेजबानी दो महाद्वीपों में होगी।

UEFA अध्यक्ष अलेक्जेंडर Čeferin ने कहा, “मैं उन सभी देशों को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने UEFA EURO 2028 और 2032 की मेजबानी के लिए आवेदन किया था। यह एक बहुत ही कठिन निर्णय था, लेकिन मुझे विश्वास है कि हमने दो उत्कृष्ट मेजबानों को चुना है।”

उन्होंने कहा, “UEFA EURO 2028 और 2032 दो अविस्मरणीय प्रतियोगिताएं होंगी जो हमें एकजुट करेंगी और खेल कौशल की भावना का जश्न मनाएंगी। मैं इन प्रतियोगिताओं की सफलता के लिए मेजबान देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।”

UEFA EURO 2028 और 2032 के लिए मेजबान देशों की घोषणा भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

UEFA EURO 2028 और 2032 के लिए मेजबान देशों की घोषणा भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत को एक वैश्विक फुटबॉल महाशक्ति बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, और देश में फुटबॉल के प्रतिभागियों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में काफी वृद्धि हुई है। भारत के पास युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल है, और देश में फुटबॉल के विकास के लिए बड़ी क्षमता है।

UEFA EURO 2028 और 2032 की मेजबानी करने से भारत को फुटबॉल के विकास के लिए आवश्यक अवसंरचना और विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह भारत को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों और कोचों को आकर्षित करने में भी मदद करेगा।

भारत के पास UEFA EURO 2028 और 2032 की मेजबानी के लिए आवेदन करने का अवसर नहीं था, लेकिन इन प्रतियोगिताओं की सफलता भारत को भविष्य में ऐसी बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए अर्हता प्राप्त करने में मदद कर सकती है।

भारत एक वैश्विक फुटबॉल महाशक्ति बन सकता है, और UEFA EURO 2028 और 2032 की मेजबानी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

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