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धर्म समाचार

गया में ही क्यों किया जाता है पिंडदान? जानें वजह और महत्व

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Piṇḍ Daan gaya

गया भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहाँ हर साल लाखों लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गया में पिंडदान करने का क्या महत्व है और क्यों यहाँ पिंडदान करना सबसे अच्छा माना जाता है?

गया में पिंडदान का महत्व

गया में पिंडदान का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। गया में स्थित फल्गु नदी को पितरों की मुक्ति का सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

गया में पिंडदान की वजह

गया में पिंडदान करने के कई कारण हैं। सबसे पहले, गया में स्थित फल्गु नदी को पितरों की मुक्ति का सबसे अच्छा स्थान माना जाता है। मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। दूसरा, गया में भगवान विष्णु का मंदिर है। माना जाता है कि भगवान विष्णु पितरों के देवता हैं। इसलिए, गया में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है।

गया में पिंडदान की विधि

गया में पिंडदान करने की विधि बहुत ही सरल है। पिंडदान करने के लिए सबसे पहले फल्गु नदी में स्नान करना चाहिए। फिर, एक ब्राह्मण को बुलाकर पिंडदान करना चाहिए। पिंडदान करते समय पितरों के नाम का उच्चारण करना चाहिए। पिंडदान के बाद, ब्राह्मण को दक्षिणा देनी चाहिए।

निष्कर्ष

गया में पिंडदान करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य है। ऐसा माना जाता है कि गया में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।